50वें स्वर्ण दीक्षा दिवस के अवसर पर देश के अलग अलग राज्यों में स्थित पाँच जैन तीर्थों में हुआ 50 कलशों से मस्तकाभिषेक


50वें स्वर्ण दीक्षा दिवस के अवसर पर देश के अलग अलग राज्यों में स्थित पाँच जैन तीर्थों में हुआ 50 कलशों से मस्तकाभिषेक



*स्वस्तिश्री चारुकीर्ति जी भट्टारक स्वामीजी के 50वें स्वर्ण दीक्षा दिवस के निमित्त..* *तपोभूमि प्रणेता परम पूज्य युवा संत गुरुदेव पंचतीर्थ प्रणेता व्याख्यान वाचस्पति श्री प्रज्ञा सागर जी मुनिराज के पांच प्रेरणा तीर्थो में क्रमशः..* 
*श्री महावीर तपोभूमि उज्जैन(म.प्र.)* 
*आदिश्वर धाम चाकसू (राजस्थान)*
*समवसरण तीर्थ भरूच (गुजरात)*  छोटा गिरनार जयपुर (राजस्थान)*
*श्री शान्तिसागरम् तीर्थ भोज (कर्नाटक)* 
में एक साथ...
*50 कलशों से मस्तकाभिषेक एवं महाशान्तिधारा...का भव्य आयोजन..* किया गया..।
*आज ही के दिन 12 दिसम्बर 1969 को श्रवणबेलगोला में स्वामी जी को उनके दीक्षा गुरु के द्वारा भट्टारक दीक्षा प्रदान की थी..उसी स्वर्णिम पल को आज 2019 में 50 वर्ष पूरे होने जा रहे है... जिसका उत्सव महोत्सव कर्नाटक में ही नही बल्कि देश के कोने कोने में मनाया जा रहा है।।।जिसमे आज 
*दिनांक 12 दिसम्बर 2019 को पूज्य मुनिमहाराज श्री प्रज्ञासागर जी के पांच प्रेरणा तीर्थ में श्रद्धालुओ ने स्वर्ण रजत कलशों से जल चंदन केसर आदि से भगवान का मस्तकाभिषेक किया...ये पहला अवसर था जब किसी संत के स्वर्ण दीक्षा दिवस पर देश के अलग अलग राज्यो में एक ही समय में एक साथ 50-50 कलशों से अभिषेक और विश्व शांति के लिये... महाशान्तिधारा की गई...साथ ही अनेको मानव सेवा के कार्य भी किये गए...
*जिसमे 
*जिसमे महू स्थित श्री प्रज्ञासागर प्रबुद्ध संघ द्वारा दन्त चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें दन्त चिकित्सक के छात्रों के द्वारा दांत के रोगियों का इलाज चैकअप किया गया...साथ ही तपोभूमि उज्जैन में प्रज्ञायु सेवालाय चिकित्सा केंद्र में निःशुल्क इलाज एवं दवाये वितरित की गई ..*
इस अवसर पर श्रवणबेलगोला में भी स्वामी जी द्वारा अपने दीक्षा गुरु के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्प अर्घ्य आदि समर्पित कर स्वर्णिम दीक्षा दिवस मनाया गया।
अब तक के सबसे प्राचीन भट्टारक के रूप में स्वस्तिश्री चारुकीर्ति जी स्वामी जी श्रवणबेलगोला क्षेत्र में अपने कार्यो से मानव सेवा के भी अनेको कार्य निरंतर 50 वर्षो से करते आ रहे है... जिसमे बाहुबली  शिशु चिकित्सालय एवं बाहुबली यूनिवर्सिटी विद्यालय द्वारा शिक्षा के भी कार्य सफलता पूर्वक किये जा रहे है..महास्वामी जी को उनके 50वे स्वर्ण दीक्षा दिवस पर कोटि कोटि नमन...
-ब्र.संजीव