सावन की पहली सोमवारी पर शाम चार बजे ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से शाही ठाठ बाट से भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। भगवान मनमहेश रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे

सावन की पहली सोमवारी पर शाम चार बजे ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से शाही ठाठ बाट से भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। भगवान मनमहेश रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे


। उज्जैन।।सावन की पहली सोमवारी पर शाम चार बजे ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से शाही ठाठ बाट से भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। भगवान मनमहेश रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। इसके पूर्व मंदिर की परंपरा के अनुसार कलेक्टर आशीष सिंह सभा मंडप में भगवान का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को गार्ड आफ आनर देगी। इसके बाद पालकी शिप्रा तट की ओर रवाना होगी। महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारी भगवान महाकाल का जलाभिषेक व पूजा-अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, कार्तिकचौक, जगदीश मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। यहां हरि व हर का मिलन होगा तथा गोपाल मंदिर के पुजारी भगवान महाकाल की पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद पालकी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए शाम करीब 7.15 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

उधर, खंडवा के ओंकारेश्वर में दोपहर में भगवान ओंकारेश्वर की पालकी निकलेगी। घाट पर पूजन-अभिषेक होगा। इसके बाद भगवान नौका विहार करेंगे। मंदिर ट्रस्ट और पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली है।

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