उज्जैन। संपूर्ण भारतवर्ष के श्रद्धालुओं के लिए उज्जैन के समस्त मंदिर एवं तीर्थों को अविलंब खोले जाने की मांग को लेकर धर्म यात्रा महासंघ, तीर्थ पुरोहित महासंघ तथा पुजारीगणों द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। गुरूवार को कलेक्टर से मिलने पहुंचे प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि बिना भेदभाव के सभी धार्मिक तीर्थ स्थल एवं सभी उज्जैन के प्रमुख मंदिरों को आम श्रद्धालुओं के लिए तुरंत खोले जाएं। कलेक्टर ने भी दो दिनों में इस मामले में उचित निर्णय लेने हेतु आश्वस्त किया।
धर्म यात्रा महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार आपदा प्रबंधन समिति ने एक चर्च गिरजाघर, एक गुरुद्वारा, एक मस्जिद के साथ मात्र महाकाल एवं काल भैरव मंदिर खोलें जो धार्मिक संतुलन की दृष्टि से देखकर खोले गए हैं जो उज्जैन सनातन धर्म नगरी पर लागू नहीं किए जा सकते क्योंकि अन्य धर्मों के लोगों के लिए यह धार्मिक नगरी नहीं है किंतु सनातन धर्मावलंबियों के लिए उज्जैन धार्मिक नगरी है इसका महत्व है और सभी तीर्थ स्थानों का महत्व है। उज्जैन सनातन धर्म की धर्म नगरी है सप्तपुरी में सर्वश्रेष्ठ नगरी है द्वादश ज्योतिर्लिंगों में मृत्यु लोक में भगवान महाकाल प्रमुख ज्योतिर्लिंग है तथा प्रत्येक 12 वर्ष में पूर्ण महाकुंभ का उज्जैन में महत्व है इसलिए अन्य भारतवर्ष के तीर्थ स्थानों में उज्जैन अवंतिका का सबसे ज्यादा महत्व है। संभाग आयुक्त, सांसद तथा दोनों विधायक पारस जैन, डॉ. मोहन यादव, महापौर मीना जोनवाल, नगर निगम सभापति सोनू गहलोत आदि को 1 सप्ताह पूर्व ज्ञापन भेजा जा चुका है। पूर्व विधायक एवं मंगलनाथ मंदिर के महंत राजेन्द्र भारती, धर्म यात्रा महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी, धर्म यात्रा संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कोटवानी, चिंतामण मंदिर पुजारी गणेश शर्मा, अखिल भारतीय ब्राम्हण समाज मार्गदर्शक मंडल के अध्यक्ष पूर्व अपर कलेक्टर पंडित रमेश चंद्र पंड्या, मार्गदर्शक मंडल के सचिव पंडित तरुण उपाध्याय, तीर्थ पुरोहित महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित मनीष उपाध्याय, अंगारेश्वर प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित राहुल व्यास, तीर्थ इकाई उज्जैन के पंडित गौरव उपाध्याय, यश जोशी, वेद प्रकाश त्रिवेदी सहित धार्मिक देवस्थान व्यापारिक संगठन के पदाधिकारी लखन माली, वैभव बंटी शर्मा, शैलेन्द्र द्विवेदी ने आपदा प्रबंधन समिति जिला कलेक्टर एवं समस्त समिति के सदस्य जनप्रतिनिधियों से उज्जैन धार्मिक नगरी के सभी प्रमुख मंदिर एवं तीर्थ स्थानों तथा धार्मिक मंदिरों के आसपास परीक्षेत्र में लगने वाली धार्मिक पूजा-पाठ की सामग्री की दुकानों को आम श्रद्धालुओं के लिए एक साथ तुरंत खोले जाने की मांग की है तथा कहा है कि अभी तक आपदा प्रबंधन समिति ने केवल महाकालेश्वर मंदिर एवं काल भैरव मंदिर ही खोलने का निर्णय लिया है आपदा प्रबंधन समिति ने प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा की उपस्थिति में उज्जैन की सभी दुकानों को खोलने का निर्णय लिया किंतु देवस्थान मंदिरों से लगे हुए व्यापारियों का ध्यान इसमें नहीं रखा गया।
800 गरीब परिवारों पर संकट
सुरेन्द्र चतुर्वेदी के अनुसार उज्जैन के सभी तीर्थ स्थानों से लगे हुए 800 व्यापारी दुकानें हैं जिसके कारण बंद होने से लगभग 800 गरीब परिवार जो धार्मिक वस्तुओं का क्रय विक्रय करते हैं वह भी परेशान हो रहे हैं। महाकाल मंदिर एवं काल भैरव मंदिर तो खुले हैं किंतु उनके बाहर मंदिरों के क्षेत्र में लगी दुकान है अभी भी बंद है जिसके कारण दुकानदारों की रोजी रोटी भी प्रभावित हो रही है।
अकेले महाकाल के आसपास 200 परिवार जूझ रहे रोजी-रोटी के लिए
अकेले महाकाल में लगभग 200 दुकानदारों के परिवार अपनी रोजी रोटी के लिए जूझ रहे हैं। साथ ही हरसिद्धि में भी करीब 100 दुकानदार रोजी रोटी के लिए जूझ रहे हैं। इसी प्रकार अन्य तीर्थ मंदिरों के आसपास के दुकानदार जिसमें चिंतामन गणेश मंदिर, नवग्रह शनि मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, गढ़कालिका मंदिर, भरतरी गुफा, सिद्धवट मंदिर, मंगलनाथ, अंगारेश्वर एवं सांदीपनि आश्रम जैसे प्रमुख तीर्थ स्थान जो दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए एक ही रूट में हैं तथा दो स्थानों को छोड़ अन्य मंदिर एवं तीर्थ स्थान बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही है। सैकड़ों दुकानदार गरीबी की रेखा के नीचे वाले लोगों का व्यापार न होने के कारण रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है।
केवल दो मंदिर खुले होने से श्रध्दालु निराश होकर लौट रहे
सुरेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि श्रद्धालु भारत के कोने-कोने से उज्जैन आता है और वह केवल 2 मंदिरों के दर्शन कर निराश होकर लौट रहा है। इतने दूरी से केवल 2 मंदिरों के दर्शन करने आएगा तो उसके धार्मिक भावनाएं भी आहत होगी और उसके रुपए पैसों का व्यय तथा समय भी सफर हो रहा है। इस कारण से सभी मंदिर एक साथ श्रद्धालुओं के के लिए खोले जाए ताकि आम श्रद्धालु उनका लाभ उठा सके तथा मंदिरों के परिक्षेत्र से लगे हुए सैकड़ों दुकानदारों को रोजी-रोटी भी प्राप्त हो सके।