उज्जैन श्री महावीर तपोभूमि में चतुर्मास के दौरान उपाध्याय श्री मयंक सागर जी महाराज दस लक्षण धर्म के आठवें दिन त्याग धर्म को समझाते हुए कहा किभारतीय इतिहास में जब भी हम उसे देखते हैं जिस पन्ने को भी हम पलटते हैं प्रत्येक प्रत्येक पन्ने पर किसी की भी कहानी हमारे सामने आती है प्रत्येक दृश्य हमारे सामने आता है कुछ के जीवन में एक विश्लेषण जुड़ा जरूर मिलता है वह विश्लेषण है त्याग का चाहे राम के इतिहास को देखें तो पिता के एक बार कहने पर पिता का एक बार में संकेत पाकर राज परिवार धन-दौलत संपत्ति सभी को छोड़कर वह 14 वर्ष के लिए वनवास को चले गए चाहे आपबाहुबली के इतिहास को उठाकर देखें उन्होंने भी जैसे उन्होंने देखा कि स्वार्थ केवशीभूत होकर भाई भाई के साथ संपत्ति के लिए को लेकर झगड़ सकता है उन्होंने भी राजपाट को छोड़कर वन का मार्ग लिया भगवान आदिनाथ ने मात्र एक बार मृत्यु को सामने देखा था एक जीव की मृत्यु देखकर उन्होंने सारे राजपाट को छोड़कर त्याग का मार्ग अपनाया यानी इस भारत में सदियों से त्याग की कहानी चली आ रही है सदियों से यहां जन्म लेने वाला व्यक्ति त्याग का मार्ग ग्रहण करते आ रहा है यहां के जो हमारे पूर्वजों के द्वारा दिए गए संस्कार हैं वे सारे त्याग मय हैं ऐसे ही त्याग मय धर्म को आज हम मना रहे हैं
त्याग से मनुष्य ऊपर उठता है और सम्पत्ति जोड़ने से मनुष्य नीचे जाता है इसीलिए आज के धर्म त्याग धर्म का बड़ा महत्व है मक्खी के पंख पर पानी की एक बूंद भी लगी हो तो वह उड़ नही सकती पहले पानी को साफ करती है और फिर उड़ती है उसी तरह अपने जीवन मे परिग्रह का त्याग करेंगे तो ही मोक्ष तक जा सकेंगे अन्यथा नही कुत्ते के मुँह में अगर रोटी का टुकड़ा हो तो उसके पीछे दो चार कुत्ते भागते है उसको काटने के लिए भागते है रोटी छिनने के लिए भागते है जब वो कुत्ता मुह में से रोटी का टुकड़ा निकाल देता है तब उसको शांति मिलती है उसके पिछे कोई नही लगता उसी तरह मनुष्य के पास धन दौलत परिग्रह आदि रहा तो चोर डाकू मर्डर आदि होने की चिंता लगी रहती है इसीलिए जैन साधु सभी परिग्रह का त्याग करके दिगम्बरी आवस्था को प्राप्त कर शांति का अनुभव करते है अपने जीवन मे शांति चाहते हो तो आज के त्याग धर्म के महत्व को समझो
और प्रवचन में कहा कि त्याग से ही व्यक्ति महान बन सकता है जिन जिन व्यक्ति ने जीवन में त्याग धारण किया है वही व्यक्ति ऊपर उठा है त्याग की भावना हर मनुष्य के मन में होना चाहिए
डॉ. सचिन कासलीवाल ने बताया कि सोमवार को उत्तम अकिंचन्य धर्म की पूजा की जाएगी एवं हरि (सब्जी एवं फल)का त्याग होगा
डॉ. सचिन कासलीवाल
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