श्रमणाचार्य श्री108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री आराध्य सागर जी* के द्वारा इस करुणामयी उपवासों के क्रम में कुल 557 दिनों में 496  उपवासों


श्रमणाचार्य श्री108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री आराध्य सागर जी* के द्वारा इस करुणामयी उपवासों के क्रम में कुल 557 दिनों में 496  उपवासों


उज्जैन।। *असीम पुण्योदय से हमारी इस धार्मिक नगरी उज्जैन में परम् पूज्य अध्यात्मयोगी चर्याशिरोमणि श्रमणाचार्य श्री108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक  आज्ञानूवर्ती प्रिय शिष्य "सिंह निष्क्रीडित उपासक  श्रमण मुनि श्री आराध्य सागर जी ""एवं उत्तम साधक श्रमण मुनि श्री साध्य सागर जी महाराज "बोर्डिंग जिनालय" में विराजमान है।*  जिसमे 
*सिंह श्रमण मुनि श्री आराध्य सागर जी महाराज* के  द्वारा  इस महामारी एवम रोगपूर्ण  भयाभय ,स्थिति को देखते हुए सभी जीवों के प्रति करुणा  का भाव रखते हुए ,विश्व के सभी जीवो की उच्च स्वास्थ्य एवम विश्वशान्ति  के लिए उज्जैन नगर के बोर्डिंग जिनालय में 
*सिंह निष्क्रीडित "उत्तम व्रतो*  की साधना का क्रम इस भीषण गर्मी में प्रारंभ किया गया ।
*मुनि श्री आराध्य सागर जी* के द्वारा इस करुणामयी उपवासों के क्रम में कुल 557 दिनों में 496  उपवासों को  स्वास्थ्य अनुकूलतानुसार सम्भवतः किया जाना है ,मुनि श्री  के द्वारा इस विपरीत  प्रतिकूल मौसम में आज 18-04-2020 को  प्रथम उपवास  , केशलौंच के साथ प्रारंभ किया गया।।
 इससे पहले भी पूर्व में महाराज 
*श्री आराध्य सागर जी* के द्वारा क्रमशः *सिंह निष्क्रीडित"जघन्य"* वर्ष 2016 भिलाई, नगर में 80 दिनों में 60 उपवास,एवम *आचार्य वर्धन व्रत* वर्ष 2017 इंदौर नगर में 120 दिनों में 100 उपवास,  *सिंह निष्क्रीडित "मध्यम"* वर्ष 2018  वाशिम नगर में 186 दिनों 153 उपवास ,  *आराध्य आराधना व्रत* वर्ष 2019 भिंड नगर में, 108 दिन लगातार उपवास ,आदि बड़े -बड़े प्रतिष्ठित उपवासों की महाराज श्री के द्वारा लगातार प्रत्येक वर्ष साधना की गई।


 समाज सचिव डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि*आज 18 अप्रैल से  परम् पूज्य आचार्यश्री 108 विशुद्धसागरजी के सुशिष्य मुनिश्री 108 आराध्य सागर जी महाराज का सिंह निष्क्रीडित व्रत शुरू हो रहा है प्रथम उपवास एवं केश लोच किया गया
*विशेष-कल महाराज श्री के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य  पर गुरुपूजा एवम ततपश्चात मुनि श्री की पारणा सम्पन्न होगी।। एवं उत्तम साधक श्रमण मुनि श्री साध्य सागर जी महाराज द्वारा आज रविवार को केश लोच किया जाएगा


 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अध्यक्ष इंदर चंद जैन तेज कुमार विनायका  ललित जैन हीरालाल बिलाला नितिन दोषी आदि लोगों ने कहा कि सभी लोग शासन के नियम का पालन करते हुए धर्म आराधना करें


*मम प्रिय गुरुदेव आचार्य भगवन विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभाबी शिष्य चर्तुमासोपवासी सिंह श्रमण आराध्य सागर जी महाराज का संक्षिप्त साधना परिचय****📆📆📆📆🗓️🗒️🗒️📆📋📋📋📅📅📅📅
आप आचार्य भगवन के संघ में सन --2011 /8 नवम्बर सागर नगर मंगलगिरी में संपन्न हुई 7 दीक्षाओ में आप   सुशोभित हुए आपका दीक्षा क्र- 7वा था।
 आप आचार्य भगवन के प्रिय शिष्य एवम श्रमण परम्परा के नई दिशा देने बाले  एवम पूर्वाचार्यों के मार्ग को अनुसरण करने वाले साधक है ,
आप आगम को चरितार्थ करते हुए इस युग के जैन  पंथवादिता से हटकर मोक्ष पथवादी सिद्धांतों का दिव्यघोष करते हुए सफलतम साधना एवम वर्तमान युग तथा पंचम काल मे भी उच्च सहनन के आभाव में भी साधना माध्यम से आप जिनधर्म प्रभावना के उच्च शिखर पर शोभायमान हो रहे है।।।
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🇬🇭🇬🇭महाराज श्री के द्वारा किये गए उपवासों का वर्णन✍️✍️
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*1..सिंह निष्क्रीडित "जघन्य"*
 चातुर्मास स्थान-- भिलाई
साधना समय--18 जुलाई 2016          से 8 अक्टूबर 2016 तक
सानिध्य-- स्वयंआचार्य भगवन ससंघ सहित 
कुल दिन        --  80  दिन
उपवास संख्या-- 60 दिन
 👏👏👏👏


*2...आचार्य वर्धन ब्रत*
चातुर्मास स्थान-- इंदौर
साधना समय--01 जुलाई 2017          से 28 अक्टूबर 2017 तक
सानिध्य-- स्वयंआचार्य भगवन ससंघ सहित 
कुल दिन        --  120 दिन
उपवास संख्या-- 100 दिन
💪💪💪💪💪💪
    *3....सिंह निष्क्रीडित ""मध्यम""*
चातुर्मास स्थान वाशिम(महाराष्ट)
साधना समय--18 जुलाई 2018          से 18 जनवरी 2019 तक
*सानिध्य-उपसंघ-मुनि श्री सुप्रभ सागर जी ससंघ*
कुल दिन        --  186  दिन
उपवास संख्या-- 153 दिन
👌👌👏👏👏👌👌
*4...आराध्य आराधना व्रत*
चातुर्मास स्थान-- भिंड
साधना समय--16 अगस्त 2019          से 31 अक्टूबर 2019 तक
सानिध्य-- स्वयंआचार्य भगवन ससंघ सहित 
 कुल उपवास संख्या-- 108 दिन               ।                                लगातार
   महापारणा -- 8 नवम्बर 2019🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
*5..सिंह  निष्क्रीडित ""उत्तम""*
  साधना की पूर्ण सम्भावना आगामी चातुर्मास स्थान उज्जैन सम्भवतः।।
👍👍👍👍👍👍👍
मुनि श्री के द्वारा दीक्षा से लेकर आज तक लगभग *800* उपवास किये जा चुके है।।
*धन्य है ये योगीश्वर जो इस खोटे काल मे भी चतुर्थ कालीन साधना कर रहे है और काल प्रभाव रूपी इस संसार को महागज की तरह पार कर रहे है।।* 
।।जयवंत रहे ऐसे योगीश्वर।।
।। हमे ऐसे गुरुओ का सानिध्य युगों युगों तक विस्मृत रहेगा!!
*नमोस्तु शासन जयवंत हो!!      जयवंत हो वीतराग श्रमण संस्कृति!!*



डॉ . सचिन कासलीवाल 
सचिव 
सकल दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद उज्जैन